परिंदे को मिलेगी मंजिल एक दिन, ये फैले हुए उनके पर बोलते है.. वही लोग रहते है खामोश अक्सर, ज़माने में जिनके हुनर बोलते है..
रोंगटे खड़े हो गये .......इंसान ही इंसान का दर्द नहीं समझता ....इस बात का दुःख होता है
पीड़ादायक, अवसन्न करने वाला ...हे प्रभो...
jab maine kahani padi to mai such me ek time ke liye Rone laga thaSuch Jab Insaan hi Insaan ka dard nahi samjhega to kya.........
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3 comments:
रोंगटे खड़े हो गये .......इंसान ही इंसान का दर्द नहीं समझता ....इस बात का दुःख होता है
पीड़ादायक, अवसन्न करने वाला ...हे प्रभो...
jab maine kahani padi to mai such me ek time ke liye Rone laga tha
Such Jab Insaan hi Insaan ka dard nahi samjhega to kya.........
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